हिन्दू धर्म में महादेव को देवो के देव कहा जाता है | अपने भोलेपन और सादेपन की वजह से महादेव को भोलेनाथ भी कहा जाता है | वैसे ये तो सभी जानते है कि गणेश जी और कार्तिकेय जी महादेव की संतान है | लेकिन कई लोगो को लगता है कि ये दो ही महादेव की संतान है, परन्तु ऐसा नहीं है | महादेव की अन्य संताने भी है, लेकिन उनका जिक्र बेहद ही कम किया जाता है | जिस वजह से कम ही लोग उनके बारे में जानते है | ऐसे में आज हम आपको महादेव की उन्ही सन्तानो के बारे में बताने जा रहे है |
गणेश जी
ये तो सभी जानते है कि गणेश जी का जन्म माँ पार्वती के शरीर से उतरे मैल से हुआ था | बाद में महादेव ने गणेश जी का सिर काट दिया था, फिर हाथी का सिर लगाया गया था |
कार्तिकेय
पैराणिक कथा के अनुसार तारकासुर ने चारो और आतंक मचा रखा था | देवता भी उससे नहीं मार पा रहे थे, क्योंकि उसे वरदान था कि महादेव और माँ पार्वती की संतान ही उसका अंत कर सकती है | तब महादेव को साधना से जगाने के लिए कामदेव को भेजा गया और महादेव ने कामदेव को भस्म कर दिया | महादेव के क्रोध से निकली ज्वाला को स्वयं अग्निदेव भी सहन नहीं कर पाए और उसे गंगा में डाल दिया | तब गंगा तट पर छह सिर वाले बालक का जन्म हुआ, जिसे माँ पार्वती ने एक किया | उन्हें 6 अप्सराओ ने पाला और उनका नाम कार्तिकेय पड़ा |
अशोक सुंदरी
पद्म पुराण के अनुसार अपने अकेलेपन और उदासी को दूर करने के लिए माँ पार्वती ने कल्पवृक्ष से एक पुत्री की कामना की थी | तब माँ पार्वती को पुत्री प्राप्त हुयी, जिसका नाम अशोक सुंदरी रखा गया |
मनसा देवी
पैराणिक कथाओ में बताया जाता है कि मनसा देवी महादेव की मानस पुत्री है, जिस वजह से उन्हें मनसा देवी कहा जाता है | ऐसा भी सुनने को मिलता है कि वासुकी नाग ने महादेव से बहन की कामना की थी, और महादेव ने उसे मनसा देवी बहन के रूप में प्रदान की थी |
देवी ज्योति
तमिलनाडु के मंदिरो में विभिन्न अवसरों पर देवी ज्योति की पूजा की जाती है | कथाओ के अनुसार देवी ज्योति महादेव के तेज से उत्पन्न हुयी थी, तो अन्य कथाओ में ज्योति का जन्म माँ पार्वती के तेज से होने का उल्लेख मिलता है |
अंधक
शिवपुराण के अनुसार मंदराचल पर्वत पर जब शिव पार्वती विहार कर रहे थे तब पार्वती ने खेल खेल में अपने हाथों से शिवजी के नेत्र बन्द कर लिए | ऐसा करने पर चारों ओर भयंकर अंधेरा छा गया | तभी शिवजी के शरीर से पसीने की बूंदे नीचे गिरी और गिरते ही एक बालक प्रकट हुआ, जो बड़ा भयानक रूप का था | अंधकार में पैदा हुआ था व अंधा था अतः उसका नाम अंधक पड़ा | वही आगे चलकर अंधकासुर कहलाया |
जालंधर
श्रीमद् देवी भागवत पुराण के अनुसार एक बार महादेव ने अपने तेज को समुन्द्र में फेंक दिया था | उसी तेज से समुन्द्र में जालंधर का जन्म हुआ, जो बाद में असुरो का राजा बना | बता दे पंजाब का जलंधर शहर उसी के नाम पर है |
अयप्पा
अयप्पा को महादेव और विष्णु जी के मोहिनी रूप की संतान कहा जाता है | कथाओ के अनुसार अपने भाई महिषासुर के वध से क्रोधित महिषी ने ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर वरदान माँगा कि महादेव और श्रीहरि की संतान ही उसका वध कर सके | इसके बाद महिषी ने तबाही मचानी शुरू कर दी | ऐसे में श्रीहरि ने मोहिनी का रूप लिया और महादेव का उनसे मिलन हुआ | तब अयप्पा का जन्म हुआ, जिन्होंने महिषी का अंत किया |